साइलेंट किलर’ है विटामिन D3 और B12 की कमी, खाना शुरू करें 10 चीजें, वरना शरीर में घुस जाएंगी ये 10 बीमारियां|

साइलेंट किलर’ है विटामिन D3 और B12 की कमी, खाना शुरू करें 10 चीजें, वरना शरीर में घुस जाएंगी ये 10 बीमारियां|



शरीर के बेहतर कामकाज के लिए विटामिन और मिनरल्स की जरूरत होती है। इनकी कमी से शरीर में कई गंभीर रोग पनप सकते हैं। बावजूद इसके लोग अक्सर शरीर में पोषक तत्वों वाली खाने की चीजों को अपनी डाइट में शामिल नहीं करते हैं। प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन की तरह विटामिन डी 3 (Vitamin D3) और बी 12 (Vitamin B12) भी शरीर के लिए जरूरी हैं।

होलिस्टिक लाइफस्टाइल कोच एंड ऑथर ल्यूक कौटिनहो ने माना है कि विटामिन डी 3 और बी 12 की कमी ‘साइलेंट महामारी’ की तरह है, जो धीरे-धीरे शरीर को कई गंभीर बीमारियों के मुंह में धकेल सकती है। उन्होंने बताया है कि हर दूसरे इंसान में इन दो विटामिनों की कमी पाई जाती है।

कॉटिन्हो के अनुसार, दिमाग से लेकर हड्डियों तक शरीर की हर कोशिका की सतह पर विटामिन डी3 रिसेप्टर्स होते हैं। ये विटामिन शरीर में कई जीनों के कार्यों को कंट्रोल करते हैं। इनकी कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, वाइट ब्लड सेल्स कम ह सकती हैं, इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, दिमाग का कामकाज प्रभावित हो सकता है।
कॉटिन्हो के अनुसार, विटामिन डी3 सिर्फ एक विटामिन नहीं है। यह एक हार्मोन की तरह काम करता है। चूंकि यह ज्यादातर सूर्य के प्रकाश के जवाब में त्वचा में उत्पन्न होता है और कुछ विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों से भी अवशोषित होता है, इसलिए इसे हार्मोन भी कहा जाता है। सूर्य के संपर्क में आने के बाद शरीर इसे संश्लेषित करता है और यह किडनी व लीवर द्वारा सक्रिय होता है। यह सक्रिय रूप फिर से कैल्शियम चयापचय को नियंत्रित करने के लिए हार्मोन की तरह कार्य करता है।


विटामिन बी12 भी एक जरूरी पोषक तत्व है जिसकी शरीर को जरूरत होती है। ल्यूक कौटिनहो के अनुसार, इस विटामिन के कुछ कार्यों में शामिल हैं-

ऊर्जा उत्पादन करना
कार्बोहाइड्रेट चयापचय करना
आंत का स्वास्थ्य बनाए रखना
आरबीसी उत्पादन करना
तंत्रिका स्वास्थ्य
मस्तिष्क स्वास्थ्य, स्मृति को बढ़ाना
मूड को बेहतर रखना
इनकी कमी से आपको शरीर में दर्द, ब्रेन फोग, थकान, हार्मोनल बिगड़ना, भंगुर नाखून और स्मृति हानि जैसी स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। पीसीओएस, कैंसर, अल्जाइमर, कमजोर हड्डियां, कम ऊर्जा का स्तर या ऑटोइम्यून डिसऑर्डर वालों को इन दो विटामिनों के पर्याप्त स्तर की आवश्यकता होती है।

विटामिन डी के कुछ प्राकृतिक स्रोतों में सूरज की रोशनी, साबुत अंडे, मशरूम और वसायुक्त मछली शामिल हैं। जहां तक विटामिन बी 12 का संबंध है, तो ल्यूक कॉटिन्हो का मानना है कि फर्मटेड फूड, ऑर्गन मीट, खमीर, खट्टे डेयरी उत्पाद इसके अच्छे प्राकृतिक स्रोत हैं।

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